काम मांगने क्या-क्या नहीं किया इस सिंगर ने, फिर एक फैसले ने बदली किस्मत
मधुश्री को संगीत जगत में रातोंरात लोकप्रियता नहीं मिली। उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा।
उमेश कुमार उपाध्याय | Last Modified - Mar 23, 2018, 04:42 PM IST
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'कभी नीम नीम कभी शहद शहद...' (फिल्म युवा), 'हम हैं इस पल यहां...' (किसना), 'माही वे...' (कल हो ना हो), 'सोजा ज़ारा...' (बाहुबली-2) जैसे गानों के जरिए श्रोताओं के दिल में उतर जाने वाली मधुश्री को संगीत जगत में रातोंरात लोकप्रियता नहीं मिली। उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा। यहां तक कि अपना बर्थनेम सुजाता भट्टाचार्य को बदलकर मधुश्री रखना पड़ा। 1999 में उनका एलबम आया, उसके बाद दो वर्षों तक कई संगीतकारों के पास गईं, पर कहीं बात नहीं बनीं। खैर, 2001 में जावेद अख्तर ने मधुश्री को राजेश रोशन से मिलवाया और उन्होंने पहला ब्रेक 'मोक्ष' में 'मोहब्बत ज़िंदगी है...' गाने से दिया। DainikBhaskar.com ने मधुश्री से बातचीत की...
आपका बर्थनेम सुजाता भट्टचार्य है। फिर मधुश्री नाम किसने दिया?
एक्चुअली, यहां जब किसी काम नहीं चलता, तब लोग उसे सबसे पहले नाम चेंज करने की सलाह देते हैं। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। मुझे लगा कि नाम चेंज कर लूंगी तो हो सकता है कि किस्मत चमक जाए। एआर रहमान के पास तीन-चार नाम लेकर गई, उसमें से उन्होंने मधुश्री रखने को कहा। लेकिन अब मुझे लगता है कि ये बातें मायने नहीं रखतीं, जो किस्मत में है, वही होता है। लेकिन जब इंसान स्ट्रगल करता है, तब उसे लोग जो कहते हैं, वह वही मान लेता है। हां, मैंने जब नाम चेंज किया था, तब काफी लोग कंफ्यूज्ड थे, क्योंकि तब तक 'मोक्ष', 'कल हो या ना हो', 'कुछ न कहो', 'ऐतबार' आदि फिल्मों के लिए गा चुकी थी। इस तरह मैंने काफी देर से नाम चेंज किया।आगे की स्लाइड्स में पढ़ें मधुश्री से बातचीत के कुछ और अंश...
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आप अधिकतर ए.आर. रहमान के साथ गाने दिए। कोई खास वजह?
रहमान साहब की खासियत है कि वे किसी के साथ ज्यादा समय तक काम नहीं करते। वे 2-3 साल में सिंगर को चेंज करते रहते हैं। लेकिन मैं ऐसी सिंगर हूं, जो उनके साथ 2002 (साथिया) से लेकर 2014 (रांझणा) तक गाया। लगभग 6 वर्षों तक उनके साथ कई देशों में जाकर शोज किया। रहमान के साथ मेरा सबसे लॉन्ग एसोसिएशन रहा। वे मेरा बेस्ट निकालना चाहते थे। उन्होंने मुझसे हर स्टाइल में गवाया। इसलिए जब वे एक दिन के लिए मुझे बुलाते तो एक दिन या 10 दिन के लिए बुलाते तो 10 दिन गाने के लिए रुक जाती थी। वे बहुत टाइम लेकर गाना बनाते थे। कभी नीम नीम... में तो 13 दिन लग गए थे। मुंबई में कम ही रह पाती थी। इसके चलते कई फिल्मों के चर्चित गानों को मिस कर चुकी हूं, जिसका दुख भी होता है। लेकिन यहां कोई किसी का इंतजार नहीं करता। मुझे राजेश रोशन ने ब्रेक दिया, लेकिन खुश हूं कि रहमान साहब ने मुझे न सिर्फ प्लेबैक सिंगिंग सिखाया, बल्कि रोमांटिक सांग से लेकर भजन, होली, आइटम सांग आदि डिफरेंट गाने भी गवाए। - +5और स्लाइड देखेंमधुश्री और एआर रहमान।
क्या वजह रही कभी नीम नीम... के लिए 2-3 दिन लगने वाले थे और 13 दिन लग गए?
यह मेरा पहला हिट गाना था, इससे मेरी पहचान बनी। इस गाने के लिए मणि रत्नम को कोई न्यू वाइस चाहिए थी। रहमान जी ने मुझे इंट्रोड्यूज किया। इसमें प्रॉब्लम यह था कि रानी मुखर्जी की जो आवाज है, उसकी मैचिंग के लिए मेरी आवाज में ऐसा गाना बनाया जाए, जिसमें लो वाइस से लेकर हाई पिच तक रेंज हो। यह बनाना इतना आसान नहीं था। इसमें जो रिदम है या जो हंसना है, वह सब बखूबी पेश करना था। इसमें हंसी की बात बताऊंगी, तब लोगों को हंसी आ जाएगी। चेन्नई में रात को 3 बजे फाइनल रिकॉर्डिंग हो रही थी, तब सब मुंह खोलकर सो रहे थे। मैं जब रिकॉर्डिंग करने गई तो मेरी नजर महबूब जी पर पड़ गई, जिन्होंने यह गाना लिखा है। उन्हें देखकर मैं गाते-गाते हंस दी, हंसी इतनी नेचुरल थी कि रहमान साहब ने उसे भी रख दिया। - +5और स्लाइड देखेंमधुश्री।
आज फिल्मों को लेकर 100 करोड़ क्लब में शामिल होने की चर्चा होती है, मगर गाने पुराने ही कर्णप्रिय लगते हैं। वजह?
किस्मत वाली हूं कि जावेद अख्तर साहब ने 2001 में (फिल्म- मोक्ष) इंडस्ट्री में इंट्रोड्यूज किया। मैं अच्छे रिलिक्स के साथ गा चुकी हूं। उस वक्त गुलजार साहब का नैना मिलाय के... जैसा गाना गाया। तब अच्छे गाने आते थे। गाते-गाते मैंने ऐसा फेम देखा है। यहां लोग इतने ज्यादा हो गए हैं कि उन्हें अपनी आइडेंटी बनाना मुश्किल हो गया। उसके चक्कर में एक्पेरीमेंटल चीजें होने लगी हैं। आज एक्सपेरीमेंट का जमाना चल रहा है। लोग गाना बनाते हैं, उन्हें खुद विश्वास नहीं कि वह गाना चलेगा या नहीं। ऐसा करते-करते चेंजेस आए हैं।
आज फिल्मी दुनिया में संगीत को लेकर सबसे बड़ी दुविधा किस बात की है?
(हंसते हुए) मेरे लिए तो कोई दुविधा नहीं है। मैंने अभी बाहुबली-2 में सोजा ज़ारा... हिट गाना दिया, तो दुविधा किस बात की। इसे लोगों का अपने प्रति प्यार और आशीर्वाद कहूंगी। मैं वक्त के साथ गाना गाते चली जा रही हूं। फिर तो जो हो रहा है, वह ठीक ही हो रहा है। - +5और स्लाइड देखेंमधुश्री।
लेकिन इस साल का एक तिमाही बीत गया, लेकिन आपका कोई गाना नहीं आया?
2018 तो अभी तो शुरू हुआ है। वक्त के साथ देखूंगी। मैं कुछ नया करने की कोशिश में हूं। मेरा ऑफ लाइन बहुत कुछ चल रहा है। सामने आएगा तो लोग सरप्राइज हो जाएंगे। अभी एक म्यूजिकल शो कर रही हूं। एक रोमांटिक सिंगल आ रहा है, इसमें मेरे हसबैंड रॉबी ने म्यूजिक दिया है और उन्होंने डायरेक्ट भी किया है। उसके बाद एक इंटरनेशनल स्टार के साथ एलबम आने वाला है। अभी ज्यादा कुछ नहीं बता सकती। एक ऑन लाइन प्रोजेक्ट है, उसे एकदम अलग हटकर नए सिंगर्स के साथ करने की कोशिश में हूं। सनी देओल स्टारर फिल्म मोहल्ला अस्सी में उदित नारायण जी के साथ मेरा बहुत अच्छा गाना है। - +5और स्लाइड देखेंमधुश्री।
आज के यंग सिंगर्स में किसके गाने कर्णप्रिय पाती हैं?
सभी उभरते सिंगर्स अच्छा कर रहे हैं। बहुत टैलेंटेड हैं। लेकिन एक बात है, ये लोग गायकी में उतनी मेहनत नहीं करते, जितना एडीटिंग में करते हैं। खैर, उनका भी कसूर नहीं है, क्योंकि आज मार्केटिंग का जमाना है। यहां जो दिखता है, वही बिकता है। आज के गानों में क्या लेडीज और क्या जैंस... सब एक जैसा लगता है। मैं कहूंगी कि लोग अपनी अलग आइडेंटी बनाएं।
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