43 साल पहले इतने करोड़ में बनी थी 'शोले', सबसे महंगे पड़े थे फिल्म के ये 5 सीन
डायरेक्टर रमेश सिप्पी को 1975 की फिल्म 'शोले' के लिए विशेषतौर पर जाना जाता है।
DainikBhaskar.com | Last Modified - Jan 23, 2018, 05:33 PM IST
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मुंबई.डायरेक्टर रमेश सिप्पी को 1975 की फिल्म 'शोले' के लिए विशेषतौर पर जाना जाता है। उस वक्त इस फिल्म को बनाने में 3 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसमें से 20 लाख रुपए सिप्पी ने कास्टिंग पर खर्च किए थे। एक इंटरव्यू के दौरान सिप्पी ने कहा था कि वे किस्मत वाले थे कि शोले की मेकिंग के दौरान उनके पिता जी.पी. सिप्पी उनके साथ थे। सिप्पी ने यह भी कहा था कि अगर वे आज 'शोले' बनाते तो इसका बजट 150 करोड़ रुपए होता और 100 करोड़ रुपए स्टारकास्ट पर ही खर्च हो गए होते। इस वजह से ओवर बजट हो गई थी शोले...
- 70 के दशक के लिहाज से 'शोले' ओवर बजट फिल्म थी। इसकी अहम वजह थी फिल्म कि कई सीक्वेंस का काफी लंबे समय में शूट होना।
- 3 मिनट 20 सेकंड की को सिनेमाघरों में आते-आते करीब तीन साल का वक्त लगा था। दरअसल, रमेश सिप्पी ने मनचाहा इफेक्ट पाने के लिए कई सीन्स को बार-बार कराया। इतना ही नहीं, एक सीन के लिए तो उन्होंने करीब तीन साल का इंतजार भी किया था।अमिताभ बच्चन ने किया था खुलासा
- एक इंटरव्यू के दौरान फिल्म में जय का रोल कर चुके अमिताभ बच्चन ने कहा था,"अगर आपको याद हो तो फिल्म के एक सीन में जाया कॉरिडोर में लैंप जलाने आते हैं और मैं बाहर बैठकर माउथऑर्गन बजाता हूं। हमारे डीओपी (डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी) मिस्टर दिवेचा को इस सीन को सूरज ढलने के वक्त एक खास रोशनी में शूट करना था। आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन रमेशजी ने फाइनल शॉट आने से पहले करीब तीन साल का वक्त सीन पर लगा दिया था।"
- "जब भी हम शूट के लिए तैयार होते, लाइटिंग में कुछ न कुछ गड़बड़ी होती। रमेशजी कहते थे कि जब तक करेक्ट लाइट नहीं मिलती, तब तक हम शूट के लिए नहीं जाएंगे। हमने करीब तीन साल का इंतजार इस सीन को शूट करने के लिए किया।"आगे की स्लाइड्स में जानिए शोले के ऐसे कुछ और सीन्स के बारे, जिन्हें शूट करने में लगा काफी ज्यादा वक्त...
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5 मिनट के गाने में लगे थे 21 दिन
- 'शोले' के फेमस सॉन्ग 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे' की अवधि 5 मिनट है। लेकिन इसे शूट करने में टीम को पूरे 21 दिन का वक्त लगा था।
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इमाम के बेटे के क़त्ल वाला सीन हुआ था 19 मिनट में शूट
- फिल्म में एक सीन है, जिसमें गब्बर इमाम के बेटे को मार देता है। अनुपमा चोपड़ा की बुक 'शोले : द मेकिंग ऑफ क्लासिक' के मुताबिक, इस सीन को शूट करने में 19 दिन का वक्त लगा था।
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7 सप्ताह में शूट हुआ था ट्रेन रॉबरी का सीन
- फिल्म में एक सीन है, जिसमें डाकू ट्रेन लूटने के लिए आते हैं और जय और वीरू ठाकुर के साथ उनका डटकर मुकाबला करते हैं। इस सीन को शूट करने में 7 सप्ताज का वक्त लगा था।
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40 टेक में पूरा हुआ था एक डायलॉग
-फिल्म का डायलॉग 'कितने आदमी थे' आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा सुना जा सकता है। लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि इस डायलॉग को शूट करने के लिए अमजद खान ने 40 रीटेक लिए थे।
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